· कौशलाचार्य समादार पुरस्कार के द्वितीय संस्करण में 92 प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया
· वर्ष 2022 तक, भारत को स्किलिंग इकोसिस्टम में लगभग 2.5 लाख कौशल प्रशिक्षकों की आवश्यकता होगी।
नई दिल्ली, 11 सितंबर 2020 (GNI): माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “स्किल इंडिया मिशन” को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय कृत-संकल्पित है। इतना ही नहीं, कौशल मंत्रालय युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और कुशल कार्यबल का निर्माण करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। भारत के पास एक विशाल युवा कार्यबल है जिसको कुशल बनाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रेरणादायी संदेश में लिखा कि, “कौशलाचार्य समादर पुरस्कार के द्वितीय संस्करण के आयोजन के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय और इस सुअवसर पर सम्मानित होने वाले सभी कौशलाचार्यों को मैं बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। उन्होंने कहा कि कौशलाचार्य अपने कार्य और अनुभव से औरों के लिए प्रेरणा बनेंगे और देश भर के युवाओं के समग्र कौशल विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे। समय की मांग के अनुसार देश के युवाओं को कुशल एवं प्रशिक्षित करके विश्व पटल पर भारत का नाम सुनहरों अक्षरों में अंकित करवाने में कौशलाचार्य की अति महत्वपूर्ण भूमिका होगी।“
कौशल प्रशिक्षकों एवं मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा वोकेशनल ट्रेनिंग इकोसिस्टम में दिए गए योगदान को मान्यता देने के लिए वर्ष 2019 में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कौशलाचार्य समादर पुरस्कारों की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य स्किल इंडिया मिशन से और अधिक प्रशिक्षकों एवं मूल्यांकनकर्ताओं को जुड़ने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करना था। 10 सितंबर 2020 को हुए कौशलाचार्य समादर पुरस्कार समारोह के द्वितीय संस्करण में, विभिन्न श्रेणियों और उद्यमिता से 92 प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत लघु अवधि प्रशिक्षण, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के तहत दीर्घकालिक प्रशिक्षण और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को भी सम्मानित किया गया है।
इस समारोह में, लघु अवधि प्रशिक्षण के तहत 14 कौशलाचार्यों को, आईटीआई के तहत 44 कौशलाचार्यों को, जन शिक्षण संस्थान के तहत 15 कौशलाचार्यों को, अप्रेंटिस के तहत 15 कौशलाचार्यों को और उद्यमिता के तहत 3 कौशलाचार्यों को सम्मानित किया गया है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) के तहत 15 कॉरपोरेट्स को कौशल विकास में योगदान देने हेतु मान्यता दी गई और सम्मानित किया गया।
एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2022 तक भारत को स्किलिंग इकोसिस्टम में लगभग 2.5 लाख प्रशिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसको ध्यान में रखते हुए देश भर में प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय प्रतिबद्ध है। आज की बदलती परिस्थितियों के अनुसार, स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षकों का एक मजबूत पूल बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और युवाओं का कौशल विकास करने के लिए प्रशिक्षकों को सक्षम एवं सशक्त बनाना जा रहा है।
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि, आज के इस विशेष अवसर मैं सभी कौशलाचार्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। आज इस समारोह में उपस्थित कौशलाचार्यों से मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि वें एक ऐसा रोल मॉडल विकसित करें जिससे प्रभावित होकर अन्य प्रशिक्षक भी स्किल इंडिया मिशन से जुड़कर राष्ट्र के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए स्वयं आगे आएं। उन्होंने आगे कहा कि इस मुश्किल समय में भी हमारे कौशलाचार्यों ने नई-नई तकनीकों को अपनाकर युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। इन कौशलाचार्यों की मदद से ही आईटीआई और जेएसएस जैसे संस्थानों ने अपने अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कॉर्पोरेट्स के साथ साझेदारी की गई है। पिछले वर्ष प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने आईबीएम के साथ साझेदारी करके बेसिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल्स में ट्रेन-द-ट्रेनर कार्यक्रम का संचालन किया जहाँ 10,000 संकाय सदस्यों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए बुनियादी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में प्रशिक्षित किया गया। इतना ही नहीं, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने एसएपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सिस्को, एक्सेंचर, क्वेस्ट एलायंस, नैस्कॉम और एडोब जैसे अन्य कॉर्पोरेट्स के साथ भी भागीदारी की है।
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के तत्वावधान में, एनएसडीसी और टेमासेक फाउंडेशन ने अल्पकालिक कौशल विकास में प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं को सशक्त बनाने हेतु साझेदारी की है। सिंगापुर पॉलिटेक्निक इंटरनेशनल संस्थान की सहायता से, एनएसडीसी और अन्य हितधारकों ने भारत में प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ अकादमियों की संरचना के लिए भी नई रूपरेखा विकसित की है। हालांकि, भारत में कौशल प्रशिक्षण का एक अन्य महत्वपूर्ण विंग जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) है जो न केवल व्यावसायिक कौशल प्रदान करता है बल्कि पाठ्यक्रम के तौर पर जीवन संवर्धन शिक्षा (एलईई) भी प्रदान करता है। इसके अलावा, भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी, राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र और मनोविज्ञान विभाग, अमल कॉलेज ऑफ़ एडवांस स्टडीज़ ऑफ़ कालीकट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी, मोहाली आदि संस्थानों में भी व्यावसायिक कौशल प्रदान किया जाता है। ends
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