Rays Power Infra announced closure of INR 127 Crore Equity Capital Fund Raise - "Mother's Embrace" A Photography Exhibition will be displayed by Renowned Photographer Devendra Naik at Jehangir Art Gallery in Mumbai - DAM Capital Advisors collects Rs 251 cr from Anchor Investors - Blackstone backed Ventive Hospitality Limited raises ₹ 719.55 Crores from 26 anchor investors at the upper end of the price band at ₹643 per equity share - The Inventurus Knowledge Solutions Limited listing ceremony held at NSE today - “ENCOUNTER WITH THE MOMENT” An Exhibition of Photographs by Gurdeep Dhiman at Jehangir Art Gallery in Mumbai - VENTIVE HOSPITALITY LIMITED ANNOUNCED ITS Rs. 16,000 MILLION INITIAL PUBLIC OFFERING (IPO) TO OPEN ON FRIDAY, DECEMBER 20, 2024 Sets Price Band fixed at Rs. 610 to Rs. 643 per equity share of face value of Rs. 1 each - Dr Agarwals Eye Hospital, Chembur, launches advanced laser system for precise and bladeless corneal surgery, Renowned actress Saiee Manjrekar inaugurates the state-of-the-art WaveLight FS200 Femtosecond Laser System - DAM Capital Advisors Limited announced its initial public offering (IPO) to open on Thursday, December 19, 2024 Sets Price Band fixed at ₹ 269/- per equity share to ₹ 283/- per equity share of the face value of ₹2 each - TRANSRAIL LIGHTING LIMITED ANNOUNCED ITS INITIAL PUBLIC OFFERING (IPO) TO OPEN ON THURSDAY, DECEMBER 19, 2024 Sets Price Band has been fixed at ₹ 410.00 to ₹ 432.00 per equity share, of face value ₹2 each - CONCORD ENVIRO SYSTEMS LIMITED ANNOUNCED ITS INITIAL PUBLIC OFFERING (IPO) TO OPEN ON THURSDAY DECEMBER 19, 2024 Sets Price Band fixed at ₹ 665 to ₹ 701 per equity share of face value of ₹5 each

मलेरिया के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए केंद्रित रणनीतियां आवश्यक द्वारा गायत्री दिवेचा, हेड – गुड एंड ग्रीन, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड एंड एसोसिएट कंपनीज।

Nationa, 29th November 2022 (GNI): भारत महामारियों के खिलाफ प्रणालीगत लड़ाई से अनजान नहीं है। देश ने पोलियो और खसरा से लेकर रूबेला तक सबसे लड़ा है। दरअसल, वर्ष 2014 में पोलियो से मुक्त होकर भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। अगला कदम 2030 तक मलेरिया को जड़ से मिटाना।

भारत ने मलेरिया के खिलाफ अपनी लड़ाई में सहयोगपूर्ण साझेदारी और समर्पित प्रयासों के माध्यम से जमीनी स्तर से शुरुआत करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के आंकड़ों से पता चलता है कि पूरे भारत में मलेरिया से होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो 2001 में 1,005 से घटकर 2017 में 194 और अंत में 2021 में 80 हो गई है।

यद्यपि इस दिशा में कई सफलताएं हासिल हुई हैं और इसके मामलों की संख्या एवं मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है, लेकिन अभी भी ऐसे कई कारक बने हुए हैं जिनको लेकर तेजी कदम उठाए जाने आवश्यक हैं ताकि हम इस बीमारी को जड़ से मिटा सकें।

उदाहरण के तौर पर, विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2021 के आंकड़ों को लेते हैं। रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद मलेरिया के मामलों में गिरावट की दर धीमी हो गई। इसके अलावा, हमने इस बीमारी से निपटने में स्पष्ट प्रगति की है, इसके बावजूद दक्षिण पूर्व एशिया के मलेरिया के बोझ का 80 प्रतिशत से अधिक अभी भी भारत के हिस्से में है।

शोध ने मलेरिया में 10 प्रतिशत की कमी को सकल घरेलू उत्पाद में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जोड़ा है, जबकि इसने भारत की अर्थव्यवस्था पर 1.9 अरब डॉलर का बोझ डाला है। इसमें से अधिकांश के लिए कमाई का जरिया समाप्त हो जाना (75 प्रतिशत) और उपचार का खर्च (24 प्रतिशत) जिम्मेदार है।

एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर हमारे लिए ध्यान देना आवश्यक है और वो है – स्थानीय जरूरतों और सांस्कृतिक मानदंडों के अनुरूप हमारी मलेरिया रोकथाम प्रतिक्रिया को तैयार करना।

उदाहरण के लिए, लॉन्ग लास्टिंग इंसेक्टाइडल नेट्स (एलएलआईएन) के वितरण को लें। एलएलआईएन उत्कृष्ट निवारक उपाय है जो सस्ता और उपयोग में आसान है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आमतौर पर पांच लोगों के औसत परिवार के लिए दो – तीन नेट्स वितरित करते हैं।

हालांकि, ज्यादातर घरों में, मर्द बिस्तर पर अक्सर अकेले सोते हैं (अगर बिस्तर उपलब्ध हो)। महिलाएं प्रायः सबसे छोटे बच्चे को पास लेकर सोती हैं और अन्य बच्चे एक साथ सोते हैं – किशोर उम्र के भाई बहन इसके अपवाद हैं जो साथ नहीं सोते। यदि आप इन मामूली लेकिन महत्वपूर्ण बातों पर विचार करते हैं, तो इस तरह के वातावरण में पांच लोगों के परिवार के लिए आवश्यक एलएलआईएन की संख्या कम से कम चार से पांच होगी, जबकि प्रचलित रूप से दो या तीन नेट वितरित किए गए थे।

राज्य प्रशासन के लिए एक और समस्या मुख्य रूप से मलेरिया और अन्य वेक्टर – जनित बीमारियों के खिलाफ काम करने वाले कार्मिकों के विनिर्दिष्ट दल की कमी है। मलेरिया के मामलों पर नज़र रखने और संबंधित परिवारों को प्राथमिक दवाएं एवं मार्गदर्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर है जो प्रायः सामाजिक-आर्थिक दबावों के कारण बार-बार आने वाले बुखार और अन्य लक्षणों से निपटने के लिए सुप्रशिक्षित नहीं हैं।

यह जगजाहिर है कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर जितना कार्यों का दबाव है उन्हें मिलने वाला पारिश्रमिक उसके अनुरूप नगण्य है। मलेरिया जागरूकता और रोकथाम के अलावा, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पोषण अभियानमिशन इंद्रधनुष आदि जैसे अन्य कार्यक्रमों को भी निष्पादित कर रही हैं। इसलिए, मलेरिया और अन्य वेक्टर रोगों के खिलाफ मुख्य रूप से काम करने वाले चिकित्सा अधिकारियों/प्रतिक्रियादाताओं की एक पंक्ति महत्वपूर्ण है। प्रतिनियुक्त बिहैवरल चेंज कम्यूनिकेशन फैसिलिटेटर्स ने आशा कार्यकर्ताओं के बोझ को कम करने में मदद की और यहां तक कि उन्हें मामलों के लिए जागरूकता बढ़ाने और जाँच करने के लिए कौशल प्रदान किया।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मलेरिया की रोकथाम जागरूकता के साथ शुरू होती है। मलेरिया के जोखिम से बचने के लिए न केवल सावधानियों के बारे में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है, बल्कि इसके प्रमुख लक्षण और इसका इलाज कैसे करें, यह जानना भी ज़रूरी होता है। जबकि सरकार काफी समय से विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें अन्य उपायों को शामिल करने की आवश्यकता है। गोदरेज जैसी कुछ कंपनियों ने भारत के राज्य स्वास्थ्य विभागों द्वारा वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले मलेरिया उपचार के लिए ऐप तैयार किया है। ये ऐप एंड्रॉयड और आईओएस पर स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।

उदाहरण के लिए, गोदरेज ऐप मलेरिया के विभिन्न प्रकारों, अर्थात् प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लाज्मोडियम विवैक्स, या दोनों का हाइब्रिड संयोजन के बारे में जानकारी प्रदान करता है। आगे, यह पंक्ति और शक्ति निर्धारित करने के लिए रोगी की उम्र के अनुसार उपचार को वर्गीकृत करता है।

फैमिली हेल्थ इंडिया जैसे कुछ गैर सरकारी संगठनों ने मलेरिया – इसके प्रकार, लक्षण, रोकथाम, उपचार और स्वच्छता युक्तियाँ के बारे में लिखित सामग्रियों का विशाल, विस्तृत संग्रह संकलित किया है – जो हिंदी और गोंडी एवं हलबी जैसी स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। हमारे सभी स्रोत व्यापक रूप से जनता और नागरिक अधिकारियों द्वारा उपयोग के लिए नि: शुल्क हैं।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग, जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और पंचायत के लोग अपने – अपने क्षेत्र में मलेरिया उन्मूलन के लिए काम कर रहे हैं।

कुछ सफल आरंभिक परिणामों ने छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के राज्य विभागों को कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ साझेदारी में अपने राज्यों में मॉडल को दोहराने के लिए जुड़ने हेतु प्रेरित किया। गोदरेज जैसे बड़े समूह ने चार शहरों – भोपाल, ग्वालियर, लखनऊ और कानपुर में डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने पर केंद्रित समर्पित कार्यक्रम शुरू करने के लिए अपने दायरे का विस्तार किया है। वेक्टर जनित रोगों और उनके उपचार के तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

2030 तक पूर्ण मलेरिया उन्मूलन के इस अभियान में अन्य कंपनियों और व्यवसायों को शामिल होने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार, और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता एक साझा जिम्मेदारी है। किसी भी सामाजिक मुद्दे की तरह – राजनीतिक इच्छाशक्ति और सफलता के लिए हर किसी को साथ लेने का का संकल्प महत्वपूर्ण है।

साथ मिलकर, हम इसे वास्तविक रूप देने के लिए कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।ends GNI SG

Be the first to comment on "मलेरिया के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए केंद्रित रणनीतियां आवश्यक द्वारा गायत्री दिवेचा, हेड – गुड एंड ग्रीन, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड एंड एसोसिएट कंपनीज।"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*