हनीकॉम्ब पैकेजिंग, पहले – ईपीएस पैकेजिंग, अब – एचसी पैकेजिंग – XXX
~ सस्टेनेबल पैकेजिंग के उपयोग के जरिए रेफ्रिजरेटर पैकेजिंग से कार्बन फुटप्रिंट को 50% तक कम किया
~ 2023-24 तक स्वदेशी रूप से निर्मित उपकरणों के लिए 100% ग्रीन पैकेजिंग का लक्ष्य रखा
मुंबई, 27 जून, 2022 (GNI): गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस की व्यावसायिक इकाई, गोदरेज अप्लायंसेज ने एक्सपैंडेड पॉलीस्टरीन फोम (ईपीएस) – जो थर्मोकोल के नाम से लोकप्रिय है – की जगह पेपर-आधारित हनीकॉम्ब (एचसी) पैकेजिंग समाधानों का उपयोग करके धरती की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
ईपीएस, पॉलीस्टरीन से बनता है जो कि पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक यौगिक है और यह नॉन-बायोडिग्रेडेबल है, अर्थात पर्यावरण में से पूर्णतः अपघटित होने में दशकों का समय लगता है। जबकि कागज बहुत ही नाजुक पदार्थ होता है, लेकिन सही तरीके से इसका उपचार किए जाने पर, तो यह लोड असर ताकत और कुशनिंग के मामले में ईपीएस आधारित पैकेजिंग का सबसे अच्छा विकल्प प्रदान करता है। साथ ही, एचसी रिसाइक्लेबल और पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित है क्योंकि यह प्रति उत्पाद 1 किलोग्राम से कम कार्बन डाइ-ऑक्साइड उत्पन्न करता है, जबकि ईपीएस से प्रति उत्पाद 4.2 किलोग्राम कार्बन डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जन होता है। कागज आधारित पैकेजिंग का उपयोग करके, ईपीएस रीसाइक्लिंग और पुनरुपयोग का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंता दूर हो सकती है और जबकि इससे पैकेजिंग की गुणवत्ता भी प्रभावित नहीं होगी।
दोनों पैकेजिंग सामग्री के पर्यावरणीय प्रभाव में अंतर दिखाने के लिए, गोदरेज अप्लायंसेज ने 100 रेफ्रिजरेटर के पेपर पैकेजिंग के साथ प्रयोग किया। अध्ययन से पता चला कि ईपीएस के विपरीत एचसी पेपर पैकेजिंग में ग्लोबल वार्मिंग को 81 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है।
इस पर टिप्पणी करते हुए, गोदरेज एंड बॉयस की घटक, गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, कमल नंदी ने कहा, “हमने थर्मोकोल के उपयोग को रोकने के लिए सरकार के नियमन से काफी पहले 2019 में ही पेपर-आधारित पैकेजिंग को लागू करने का बीड़ा उठाया। हमने हाल ही में सरल पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग समाधान के उपयोग के लिए एक पेटेंट के लिए आवेदन किया है। इसके उपयोग के साथ, हम 2021-22 में रेफ्रिजरेटर में 1000+ से 500+ टन तक पैकेजिंग के चलते उत्पन्न होने वाले कार्बन फुटप्रिंट में 50% तक की कमी हासिल करने में सक्षम हैं और 2023-24 तक, हमने हमारे कारखानों में तैयार हो रहे रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और एयर कंडीशनर में लगभग 100% ग्रीन पैकेजिंग को लागू करने का लक्ष्य रखा है।”
आगे, गोदरेज अप्लायंसेज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और हेड – इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बुर्जिन वाडिया ने कहा, “गोदरेज अप्लायंसेज 2019 के बाद से हनीकॉम्ब स्ट्रक्चर्ड पेपर पैकेजिंग का उपयोग शुरू करने वाला व्हाइट गुड्स उद्योग में पहला ब्रांड था। हमने रेफ्रिजरेटर के बड़े आकार को देखते हुए इसके साथ इसकी शुरुआत की चूंकि इसमें प्रति इकाई ईपीएस का अधिकतम उपयोग होता है। नया समाधान मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल दोनों पाया गया है। औसतन, ईपीएस (थर्मोकोल) पैकेजिंग द्वारा उत्पन्न कार्बन डाइ-ऑक्साइड की क्षतिपूर्ति के लिए औसतन 20 पेड़ों की आवश्यकता होती है, जबकि पेपर पैकेजिंग के चलते उत्पन्न कार्बन डाइ-ऑक्साइड की क्षतिपूर्ति के लिए केवल चार पेड़ों की आवश्यकता होती है जो इसकी पर्यावरणानुकूलता को स्थापित करता है।”
इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के प्रति ब्रांड की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता से प्रेरित, गोदरेज अप्लायंसेज 2001 (R600A) में 100% सीएफसी, एचसीएफसी और एचएफसी-मुक्त रेफ्रिजरेटर का निर्माण करने वाली भारत की पहली और एकमात्र कंपनी बन गया। यह ब्रांड ग्रीन गैसों के साथ एसी बनाने वाला भारत का पहला ब्रांड बन गया, जिसमें जीरो ओजोन डिप्लेशन पोटेंशियल और इंडस्ट्री में सबसे कम ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल (R290, वर्ष 2012) है। उत्पादों से परे प्रतिबद्धता का विस्तार करते हुए, इसकी दोनों विनिर्माण इकाइयां (मोहाली और शिरवाल) प्रतिष्ठित सीआईआई द्वारा प्लेटिनम प्लस ग्रीन कंपनी रेटिंग प्राप्त करने वाली भारत की पहली इकाइयाँ थीं। इसके अलावा, ब्रांड अपने ग्रीनर इंडिया लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है, जिसमें विशिष्ट ऊर्जा उपयोग में 60 प्रतिशत की कमी, ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए R290 रेफ्रिजरेंट के उपयोग का दावा, लैंडफिल में शून्य अपशिष्ट प्राप्त करना, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग में 30 प्रतिशत की वृद्धि इसके विनिर्माण में पॉजिटिव वाटर बैलेंस शामिल हैं।ends GNI SG
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