भोजन का भविष्‍य समग्र तंदुरुस्‍ती की पेशकश करता है – ‘गोदरेज फूड ट्रेंड्ज रिपोर्ट 2022′ य भविष्‍य में भी शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए सेहतमंद खाने की मांग रहेगी – ‘गोदरेज फूड ट्रेंड्ज रिपोर्ट 2022′

मुंबई, 24 जून 2022 (GNI): उपभोक्‍ता तंदुरुस्‍ती का महत्‍व समझ चुके हैं और उन्‍हें यह बात भी अच्‍छे से पता है कि तंदुरुस्‍ती केवल शारीरिक और मानसिक कारकों का संयोजन भर नहीं है, बल्कि इसमें अच्‍छा भोजन लेना भी शामिल है। ऐसे दौर में जब पूरी दुनिया अच्‍छी तरह से कनेक्‍टेड और आपस में मिल-जुलकर रह रही है, तब लोगों का फोकस पोषण पर है ताकि वे खुद को सेहतमंद रख सकें। यह प्रचलन इम्‍युनिटी बढ़ाने वाली सामग्रियों, पारंपरिक भोजन में लोगों की रुचि आदि में बढ़ोतरी को भी दर्शाता है। पूरे भारत के 200 से ज्‍यादा शेफ्स और पाककला विशेषज्ञों के योगदान पर आधारित गोदरेज फूड्स ट्रेंड्ज रिपोर्ट 2022 के कलेक्‍टर्स एडिशन का अनुमान है कि यह चलन आने वाले साल में खाद्य उद्योग पर हावी रहेगा। उद्योग और घरेलू किचन से आने वाले इन विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारियों के अनुसार, 2022 तंदुरुस्‍ती के लिये भोजन का साल रहेगा और यह सोच आने वाले वर्षों में भी बनी रहेगी।

कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2022 से तंदुरुस्‍ती वाले भोजन पर केन्द्रित होने की शुरूआत हो रही है। पारंपरिक चीजों, पकाने की पद्धतियों और निजी तौर पर बेहतर डाइट्स की ज्‍यादा खोज होगी।

तंदुरुस्‍ती वाले भोजन से जुड़े कुछ अन्‍य महत्‍वपूर्ण परिणाम इस प्रकार हैं:

·         निजी तौर पर ऑप्टिमाइज्‍ड डाइट्स- पैनल के 55.4% सदस्‍यों का अनुमान है कि निजी तौर पर ऑप्टिमाइज्‍ड डाइट्स पर ज्‍यादा ध्‍यान रहेगा

·         भोजन में प्रोटीन- पैनल के 44.6% सदस्‍य कहते हैं कि लोग आहार की योजना में प्रोटीन पर ज्‍यादा ध्‍यान देंगे

·         स्‍थानीय होना- 29.2% पैनलिस्‍ट्स ने पाया है कि लोगों ने स्‍थानीय, मौसमी और स्‍थानिक चीजों पर ज्‍यादा ध्‍यान देना शुरू किया है और 55.4% पैनलिस्‍ट्स का अनुमान है कि स्‍थानीय और मौसमी चीजों की सोर्सिंग में बढ़त होगी

·         ऑर्गेनिक चीजें- 70.8% पैनलिस्‍ट्स ने कहा कि लोग अब स्‍थानीय किसानों और खाद्य उत्‍पादकों से खरीदारी कर रहे हैं

·         जीवनशैली पर आधारित मेन्‍यू- पैनल के 46.2% सदस्‍य कहते हैं कि लोग खास जीवनशैली पर आधारित भोजन के मेन्‍यू को फॉलो कर रहे हैं

·         रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले मेन्‍यू – 44.6% पैनल का अनुमान है कि मेन्‍यू में स्‍वास्‍थ्‍य और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजों पर ज्‍यादा ध्‍यान दिया जाएगा, जबकि 38.1% पैनलिस्‍ट्स को लगता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता और कार्यात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य बढ़ाने वाले स्‍वास्‍थ्‍यकर पेयों की मांग बढ़ेगी

·         पादप आधारित (प्‍लांट बेस्‍ड) मेन्‍यू – 40% पैनलिस्‍ट्स को पादप आधारित मेन्‍यू की मांग बढ़ने की उम्‍मीद है

तंदुरुस्‍ती वाले भोजन पर हमें अपने विचार बताते हुए सेलीब्रिटी शेफ और एफ एंड बी कंसल्‍टेन्‍ट, शेफ अजय चोपड़ा ने कहा, “शेफ्स ने अपने मेन्‍यू में उन सोची-समझी चीजों को शामिल करना शुरू किया है, जिन्‍हें हम पहले से घर में करते आ रहे हैं, जैसे मौसमी, पोषक और पारंपरिक सामग्रियां और तकनीकें, लेकिन एक आधुनिक ट्विस्‍ट के साथ। हम समझ चुके हैं कि स्‍वास्‍थ्‍यकर खाना केवल एक चलन नहीं, बल्कि जरूरत है- यह शरीर में ताकत बनाने का एकमात्र तरीका है। इसलिये मेन्‍यू ज्‍यादा असली हो रहे हैं, सामग्रियों के उपयोग और हमारी पसंद के व्‍यंजनों के बारे में दोबारा सोचा जा रहा है, ताकि वे अधिक स्‍वास्‍थ्‍यकर बन सकें। हम नये और रचनात्‍मक तरीकों में पारंपरिक सामग्रियों का उपयोग देखेंगे। उदाहरण के लिये, बाजरे के अलग-अलग रूप, नर्म नारियल और फलों जैसे ताजे सामग्रियों की स्‍मूदी की कटोरी जैसे प्रचलित और दिलचस्‍प अवतारों में आना। या सरसों का साग जैसे सर्दी के व्‍यंजनों का मस्‍टर्ड ग्रीन्‍स और बार्ले सलाद में बदल जाना।”

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए लिवऑल्‍टलाइफ की सह-संस्‍थापक और चीफ कलनरी ऑफिसर मोनिका मनचंदा ने कहा, “लोग समझ रहे हैं कि सेहतमंद खाने का मतलब भोजन का आनंद लेना छोड़ने से नहीं है। उनकी मांग यह है कि उन्‍हें अपने स्‍वास्‍थ्‍य के लक्ष्‍यों के अनुसार स्‍वादिष्‍ट भोजन मिले। लिवऑल्‍टलाइफ में हमने इसे लगातार डायबिटीक स्‍नैक्‍स और डेजर्ट की मांग के मामले में देखा है।”

फूड एंड ट्रेवल राइटर और रेस्‍टोरेंट क्रिटिक रोशनी बजाज संघवी ने कहा, “मुंबई और गोवा में, पुणे और वडोदरा में, पोषण पर ध्‍यान केन्द्रित हो रहा है; तंदुरूस्‍ती उद्योग उछाल पर है। अस्‍थायी तौर पर रेस्‍टोरेंट्स के दोबारा खुलने के साथ, हमने मेन्‍यू में इम्‍युनिटी और तंदुरूस्‍ती वाले भोजन देखे हैं। सलाद और स्‍मूदीज लोकप्रिय हुए हैं, पहले की तुलना में कहीं ज्‍यादा लोग वीगन डाइट को अपना रहे हैं। हाइड्रोपोनिक खेत फले-फूले हैं। 2022 में आगे बढ़ने के साथ, घर का किचन नये सम्‍मान के साथ पारंपरिक चीजें मांग रहा है। ऐसे तरीके खोजे जा रहे हैं, जिनके द्वारा हम अपने रसोईघर में पाये जाने वाले भोजन से अपने शरीर की मदद कर सकें।”

गोदरेज फूड्स ट्रेंड्ज रिपोर्ट 2022 की क्‍यूरेटिंग एडिटर रुशिना मनशॉ घिल्डियाल ने बिलकुल सही कहा कि, “साल 2020 में सुविधाजनक भोजन हावी था। 2021 में भारत के क्षेत्रीय भोजन को उसकी पौष्टिकता के लिये सराहा गया। और 2022 में भोजन की भूमिका तंदुरुस्‍ती के लिये महत्‍वपूर्ण होगी। भारत में तंदुरुस्‍ती वाले भोजन के लिये पाककला से सम्‍बंधित अपनी जड़ों को दोबारा खोजकर, अपने तेल और घी की सुगंध लेकर, स्‍थानीय किसानों और खाद्य उत्‍पादकों को सहयोग देकर और अपनी समृद्ध पाककला धरोहर को दोबारा ढूंढकर हम अपने पाककला सम्‍बंधी रिवाजों में बदलाव करते रहेंगे। भोजन की पारंपरिक व्‍यवस्‍थाओं, पाककला की पद्धतियों में अपनी स्‍वाभाविक बुद्धिमत्‍ता और अपने पारंपरिक भोजन तथा स्‍वास्‍थ्‍य के बीच जुड़ाव पर ध्‍यान दिया जाएगा।” गोदरेज फूड ट्रेंड्ज रिपोर्ट 2022- विस्‍तृत 95-पेज का संस्‍करण डाउनलोड के लिये www.vikhrolicucina.com पर उपलब्‍ध है।

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