यूपीएल का प्रोनुतिवा प्रोग्राम भारत में मूंगफली के किसानों के लिये आशा की किरण बना

इस प्रोग्राम ने मूंगफली की पैदावार को 27-32% तक बढ़ाकर 1 लाख से ज्‍यादा किसानों को फायदा पहुँचाया है~

इस प्रोग्राम का लक्ष्‍य मूंगफली की उपज और उसमें तेल की मात्रा को बढ़ाना है~

मुंबई, 7 दिसंबर, 2021 (GNI): सस्‍टेनेबल कृषि उत्‍पादों और समाधानों के वैश्विक प्रदाता  यूपीएल लिमिटेड  द्वारा गुजरात में किसानों पर केन्द्रित एक प्रोग्राम यूपीएल प्रोनुतिवा पेश किया गया है। इस प्रोग्राम का लक्ष्‍य किसानों की आय को दोगुनी करना और मूंगफली की उपज तथा उसमें तेल की मात्रा को बढ़ाना है। 16 जिलों और 1722 गांवों तक पहुँचे इस प्रोग्राम ने बेहतरीन परिणाम दिये और भावनगर के पास के गांवों में पैदावार 38% तथा कालावाड तालुका में 62% तक बढ़ गई। इस प्रोजेक्‍ट ने 1,20,000 किसानों की पैदावार 27-32% तक बढ़ाकर उनके दिलो-दिमाग पर राज किया है।

साल 2021 के खरीफ सीजन के दौरान यूपीएल ने गुजरात के 100,000 से ज्‍यादा किसानों तक पहुँचने और 100,000 एकड़ कृषि भूमि को यूपीएल प्रोनुतिवा के अंतर्गत लाने की महत्‍वाकांक्षी योजना शुरू की थी। किसान को प्राथमिकता देने वाले अपने एप्रोच के साथ, यूपीएल ने किसानों को सीड ट्रीटमेंट मशीनें दीं और प्रोनुतिवा प्रोग्राम के तहत उन्‍हें टूल्‍स का इस्‍तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया। प्रगतिशील नवाचार का इस्‍तेमाल कर और स्‍थायित्‍व की नई कल्‍पना कर यूपीएल ने किसानों को ज़ेबा और कोपियो नामक अपनी दो स्‍थायित्‍वपूर्ण टेक्‍नोलॉजीज़ भी प्रदान कीं।

भारत 20 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज के साथ चीन के बाद विश्‍व में मूंगफली का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है। भारत में करीब 3.8 मिलियन हेक्‍टेयर कृषि भूमि पर मूंगफली बोई जाती है। मूंगफली के कुल रकबे में पाँच राज्‍यों– गुजरात (38%), आंध्र प्रदेश (17%), राजस्‍थान (14%), कर्नाटक (10%) और महाराष्‍ट्र (5%) का 84% योगदान है।

भारत में हर साल लगभग 21 मिलियन मेट्रिक टन खाद्य तेल का उपभोग होता है। तेल का घरेलू उत्‍पादन 9 मिलियन मेट्रिक टन है और बाकी 13 मिलियन मेट्रिक टन खाद्य तेल हर साल आयात किया जाता है। वार्षिक आयात में मलेशियन पाम ऑयल, यूएस सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल का एक बड़ा भाग आता है, जिसका मूल्‍य लगभग 17 बिलियन डॉलर है।

उत्‍पादन और आयात के बीच यह बड़ा अंतर भारत के मूंगफली किसानों को एक सुनहरा मौका देता है कि वे मूंगफली की उपज और उसमें तेल की मात्रा को बढ़ाएं, ताकि खेती से उन्‍हें ज्‍यादा फायदा हो। और इस प्रकार प्रोनुतिवा के साथ भागीदारी से गुजरात के मूंगफली किसानों को आशा मिली है।

यूपीएल के रीजनल डायरेक्‍टर श्री आशीष डोभाल ने कहा, “यूपीएल इंडिया ने प्रोनुतिवा सॉल्‍यूशंस बनाते समय लगातार किसानों की बात सुनी, उनकी समस्‍याओं को समझा और उनका मूल्‍यांकन किया है। यूपीएल प्रोनुतिवा एक स्‍थायित्‍वपूर्ण कार्यक्रम है, जो भारत में मूंगफली के किसानों को आशा की किरण दे रहा है। उपज में औसतन 30% की बढ़ोतरी से किसानों को प्रति हेक्‍टेयर 20 क्विंटल की उपज के आधार पर 65000 रूपये ज्‍यादा मिलेंगे और औसत मूल्‍य 44 रूपये प्रति किलोग्राम होगा। यूपीएल प्रोनुतिवा से ट्रीट हुई एक मिलियन हेक्‍टेयर मूंगफली भारत के किसानों को 6500 करोड़ रूपये का अतिरिक्‍त मूल्‍य प्रदान करेगी और हजारों किसान अपनी आय को दोगुना करने के सपने की दिशा में  बढ़ेंगे।”

प्रोनुतिवा प्रोग्राम भारत के मूंगफली किसानों को आत्‍मनिर्भर बनने और मूंगफली तथा खाद्य तेल का घरेलू उत्‍पादन बढ़ाने का सुनहरा मौका दे रहा है। यह प्रोग्राम दो पहलूओं पर ध्‍यान देता है, फसल को सबसे महत्‍वपूर्ण अवस्‍थाओं में सुरक्षा देना और फलों को पोषण की लगातार आपूर्ति देना, ताकि उनका वजन और तेल की मात्रा बढ़े। फूल आने, पेगिंग (उद्बंधन) और फली बनने जैसी महत्‍वपूर्ण अवस्‍थाओं में यूपीएल प्रोनुतिवा के पैकेजेज ने पौधों को कटाई तक लगातार वृद्धि की अवस्‍था में रखने में किसानों की सहायता की है। प्रोनुतिवा किट्स के भीतर सभी जरूरी टूल्‍स के कारण किसानों को संकट के समय समाधान ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ी, चाहे कीटों को नियंत्रित करना हो या पौधों को एबायोटिक तनाव से सुरक्षित रखना हो।ends

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