नई दिल्ली, अगस्त 20, 2020 (GNI): कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और पोत परिवहन मंत्रालय (एमओएस) ने बंदरगाहों और समुद्री क्षेत्र में कुशल कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने और एक मजबूत ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। पोत परिवहन क्षेत्र में कुशल और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, साझेदारी प्रशिक्षण मॉड्यूल, मूल्यांकन और उम्मीदवारों की प्रमाणीकरण प्रक्रिया के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद करेगी। इस महत्वपूर्ण समय में, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुसार प्रमुख क्षेत्रों में कार्यबल की स्किलिंग, रिस्किलिंग और अपस्किलिंग के लिए रणनीति बनाने की बहुत आवश्यकता है।
इस सहयोग के साथ, बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र में अपने कौशल के साथ स्वाभाविक रूप से प्रतिभाशाली युवा काम करेंगे, जो तेजी से बदलती दुनिया से निपटने और बंदरगाह का नेतृत्व करने में भी मदद करेंगे। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय मौजूदा योग्यता पैक की पहचान करेगा और बंदरगाहों एवं समुद्री इकाई की मौजूदा मांग के अनुसार क्षेत्रों में विभिन्न नौकरीयों की भूमिकाओं के लिए नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) स्तरों के साथ गठबंधन करके नए योग्यता पैक-राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (QP – NOS) विकसित करेगा।
वैश्विक मानकों के अनुसार स्किलिंग इकोसिस्टम बनाने की अपनी दृष्टि के साथ, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के चयनित प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से मानकीकृत प्रशिक्षण वितरण के लिए QP – NOS के पाठ्यक्रम की मैपिंग करेगा। पोत परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत संस्थानों के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संबंधित पाठ्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण या आंकलन करने वाले के रूप में काम करने के लिए एक मार्ग प्रदान करेगा। मूल्यांकन के आधार पर, मंत्रालय समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक समन्वय समिति की स्थापना करेंगे। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास के प्रयासों में तेजी लाने के लिए निजी क्षेत्र और सीएसआर फंड जुटाने में भी सहायता करेगा।
माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि, देश के गौरवशाली प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुसार भारत को विश्व की कौशल की राजधानी बनाने में हम तभी सफल होंगे जब हम एक साथ मिलकर काम करेंगे और स्किलिंग के क्षेत्रों में पहुंच और नवाचार को बढ़ाने के लिए कुशल रणनीति बनाएंगे। समुद्री परिवहन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो हमारे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। पोत परिवहन मंत्रालय के साथ यह रणनीतिक साझेदारी भी इसी उद्देश्य के साथ की गई है। यह उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्किलिंग के क्षेत्र में हमारे कार्यबल का समर्थन करते है और वैश्विक मानकों तक अपनी क्षमताओं का निर्माण करता है। ऐसा मेरा विश्वास है कि, सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और प्रदर्शन से हमारे युवा नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे और शिपिंग क्षेत्र की वृद्धि में अपना अहम योगदान करेंगे। इस सराहनीय प्रयास के लिए मैं पोत परिवहन मंत्रालय को बधाई देता हूं जो पारंपरिक और नए युग के कौशल दोनों को लागू करने में अपना सहयोग दिया है। यह नौकरी के लिए कुशल कार्यबल तैयार करने में भी मदद करेगा।
माननीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और भारत सरकार में रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्री मनसुख मंडाविया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने बंदरगाहों की क्षमता में सुधार करके अपने देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। यह साझेदारी न सिर्फ भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय तटीय लाइनों में भी विकास के खुले अवसर देगा। हम समुद्री परिवहन क्षेत्र के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक कुशल कार्यबल का निर्माण करना है ताकि भविष्य में प्रौद्योगिकी को मजबूत बनाकर समुद्री क्षेत्र के विकास में तेजी ला सके। यह साझेदारी हमारे युवाओं को एक बेहतर अवसर प्रदान करेगी जो बंदरगाहों और समुद्री क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय को एक साथ आने और यह सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद देते हैं कि हम कुशल भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
समुद्री परिवहन किसी भी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह विकास की गति, संरचना और पैटर्न को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। पोत परिवहन मंत्रालय अपने फोल्ड शिपिंग और बंदरगाहों के क्षेत्रों में शामिल है जिसमें पोत-निर्माण और पोत की मरम्मत, प्रमुख बंदरगाह, राष्ट्रीय जलमार्ग और भूमि जल परिवहन हैं।
बंदरगाहों और समुद्री क्षेत्र के परामर्श से, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय प्रासंगिक पाठ्यक्रम कार्यक्रम, सेक्टर स्किल काउंसिल (SSCs) के साथ संयोजन के रूप में कंटेंट विकसित करेगा। उदाहरण के लिए, क्रूज पर्यटनों के लिए टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी), लोजिस्टिक्स के लिए लोजिस्टिक्स एसएससी, मत्स्य पालन के लिए कृषि एसएससी, पोत निर्माण के लिए सामरिक विनिर्माण और पूंजीगत सामान एसएससी, पोत की मरम्मत और पोत तोड़ने, ड्रेजिंग के लिए अन्य उपयुक्त एसएससी, खुले समु्द्र के लिए आपूर्ति श्रृंखला, भूकंप तरंगों के लिए तैयारी, बहु-कार्य सहायक तकनीशियन और बहुत कुछ। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई), प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों (पीएमकेके) और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों में अपने मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए, रिवर डिस्ट्रिक्ट, बैकवाटर डिस्ट्रिक्ट और तटीय जिलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कौशल अंतराल विशलेषण के अनुसार सुविधा प्रदान करेगा ताकि कौशल गैप विश्लेषण के अनुसार आवश्यक जनशक्ति को प्रशिक्षित किया जा सके।
सागरमाला मिशन के तहत जहां भी लागू और संभव होगा, वहां विभिन्न कुशल पहलों के क्रियान्वयन के लिए सहायता राशि पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा विस्तारित की जाएगी। इस साझेदारी के तहत, पोत परिवहन मंत्रालय न केवल स्वायत्त निकायों और संस्थानों के माध्यम से, बल्कि निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से भी कौशल विकास और उन्नयन से संबंधित गतिविधियों के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगा।
पोत परिवहन मंत्रालय बुनियादी ढांचे की पहचान और उपलब्धता को भी आसान बनाएगा जो कौशल विकास केंद्रों के विकास और इन-सीटू प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में उसका उपयोग किया जा सकता है। इसमें दूरस्थ प्रशिक्षण और व्यावहारिक को लागू करने के लिए 5-10 शिपिंग केबिन विकसित करना शामिल है, जिससे कक्षा प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में निवेश करने के बजाय, कुछ जहाजों को दूरदराज के क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए मोबाइल कक्षाओं के साथ अनुकूलित किया जा सकता है।
समझौता ज्ञापन के तहत अन्य सार्थक परिणाम हैं:
· अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ कौशल विकास के लिए टीवीईटी समझौतों के माध्यम से बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र के विकास को सुगम बनाना
· कौशल विकास के क्षेत्र में शिक्षण, निरंतर आजीवन सीखने, रिकगनाइजेशन ऑफ प्रायर लर्निग, शिक्षण पद्धति, योग्यता, क्रेडिट, प्रौद्योगिकी का उपयोग, शिक्षण प्रणाली और अनुसंधान आदि से संबंधित सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में प्रासंगिक संस्थानों से सर्वोत्तम अभ्यास प्रदान करना है।
§ व्यापार विशेषज्ञता केंद्रों / विशेष रूप से बंदरगाहों और समुद्री क्षेत्र के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के माध्यम से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कर्मियों के कौशल स्तर में वृद्धि को सुगम बनाना
§ कौशल प्रशिक्षण के लिए पीपीपी मॉडल के माध्यम से डीजीटी या एनएसडीसी के सहयोग से उच्च क्रम कौशल के लिए बहु-कौशल विकास केंद्र स्थापित करना
§ सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ या किसी अन्य तंत्र के माध्यम से ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर और आंकलन करने वालों का प्रशिक्षण सरल बनाना
§ पोत परिवहन मंत्रालय के तहत संस्थानों में काम की गुणवत्ता को बढ़ाना, कुशल और अर्ध-कुशल लोगों की भर्ती प्रक्रिया और आरपीएल (पूर्व शिक्षण की मान्यता) के प्रमाण पत्र में कौशल प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र को प्रोत्साहित करने के लिए नीति बनाना
§ एनएसडीसी और डीजीटी के तालमेल में शिक्षुता प्रशिक्षण को अधिकतम करना, जैसा कि संशोधित अप्रेन्टिस अधिनियम, 1961 के तहत अनुमति दी गई है. Ends
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