June 2022

गुडघ्यांच्या आरोग्याविषयी जागरूकता वाढविण्यासाठी विशेष उपक्रमनवी मुंबईत ‘हॅप्पी-नीज वॉकथॉन’ चे आयोजन

नवी मुंबई, ६ जून २०२२ (GNI): अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबईने वॉकथॉनचे आयोजन केले होते. गुडघ्यांच्या आरोग्याविषयी जनमानसामध्ये जागरूकता निर्माण करण्यासाठी अपोलो हॉस्पिटल्सने हे विशेष पाऊल उचलले होते. अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई आणि ऑर्थोपेडिक टीमचे जॉईंट…



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अपने कार्बन न्यूट्रैलिटी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तेजीसे आगे बढ़ रही है महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड

·        साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) में शामिल, जिसके तहत 2021 के लिए हासिल कंपनी के कार्बन कटौती लक्ष्यों को मिलती है मान्यता ·        कार्बन कटौती लक्ष्य निधारित करने और एसबीटीआई द्वारा मान्य कुछ लॉजिस्टिक्स कंपनियों में शामिल मुंबई, 6 जून 2022…


घरेलू उपकरणों की आपकी पसंद और इनका सावधानीपूर्वक इस्तेमाल धरती को बचा सकता है

गोदरेज एंड बॉयस में गोदरेज एप्लाइंस के बिजनेस हेड और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी Mumbai, 06th June 2022 (GNI) विश्व पर्यावरण दिवस पर इस बार का विषय ‘ओनली वन अर्थ’ परिवर्तनकारी नीतियों को लागू करने और स्वच्छ, हरित जीवन शैली को अपनाकर प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के महत्व पर जोर दे रहा है। आज घरेलू उपकरण हमारे जीवन के हर पहलू में महत्व रखते हैं, ये हमारे और हमारे चाहने वालों के लिए रोजमर्रा के कामों को आसान बनाते हैं। इन उपकरणों की सुविधा के लिए बिजली और पानी जैसे संसाधनों का नियमित इस्तेमाल होता है, इसके अलावा इनके निर्माण के लिए भी संसाधन लगते हैं।  इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इन उपकरणों को बनाने वाले और इनका इस्तेमाल करने वालों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वे इनके टिकाऊ उत्पादन व इस्तेमाल पर विचार करें। हाल ही में जारी इंडिया एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा खपत के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, इसका प्रमुख कारण बढ़ती आय और जीवनशैली में सुधार है। जैसे जैसे भारत की आबादी बढ़ती है और आय का स्तर बढ़ता है हमारा बुनियादीढांचा भी विकसित होगा-फलस्वरूप बिजली के उपकरणों के साथ जीवनशैली की गुणवत्ता मे सुधार होगा और ऊर्जा की खपत भी तेजी से बढ़ेगी।  इसका सीधा असर जलवायु संकट पर पड़ेगा जिसका हमारे देश के साथ साथ पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव होगा। इस मोड़ पर जरूरी है कि हम सभी अपने ग्रह की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं- इसकी शुरुआत ऊर्जा कुशल एवं पर्यावरण के अनुकूल उपकरणों के चयन से कर सकते हैं। जिम्मेदारी से करें एसी का चयन उपभोक्ताओं के जीवन को आसान बनाने वाले उन तमाम उपकरणों में से एयर कंडीशनर (एसी) एक ऐसा प्रमुख उपकरण है जिसका पर्यावरण पर सीधा असर होता है और इसलिए टिकाऊ पहल के तौर सबसे पहले इस पर ही ध्यान देना चाहिए। आमतौर पर पाया गया है कि साल दर साल गर्मियों में तापमान की हालत बिगड़ती जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है, देश के कई शहरों का तापमान 45 डिग्री से ऊपर चला गया। ऐसे में एसी अब लग्जरी से आगे बढ़कर भीषण गर्मी से राहत दिलाने की जरूरत बन गए हैं। हर एसी कमरे के तापमान को कम करने के लिए अपने एयर कंडीशनिंग सिस्टम में कुछ रेफ्रिजरेंट का उपयोग करता है। बहुत से उपभोक्ता ये नहीं जानते कि इन रेफ्रिजरेंट का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जबकि अधिकांश ब्रांड ओजोन के अनुकूल रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल करने लगे हैं, उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने एसी में इस्तेमाल होने वाले रेफ्रिजरेंट की ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (GWP) के प्रति सचेत रहें। R290 पर्यावरण के सबसे अनुकूल एसी रेफ्रिजरेंट है जिसका GWP सिर्फ 3 है, इसके बाद R32 है जिसका GWP 675 है। इसके अलावा कुछ ब्रैंड द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य रेफ्रिजरेंट जैसे R410a का GWP और भी भयानक करीब 1800 या उससे भी ऊपर है। रेफ्रिजरेटर में भी रेफ्रिजरेंट का इस्तेमल होता है और आम तौर पर R600a लगता है जिसका GWP सिर्फ 3 है। ऐसी भी एडवांस्ड कूलिंग टेक्नोलॉजी हैं जैसे थर्मो इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी जो पूरी तरह रेफ्रिजरेंट मुक्त हैं और इनका GWP 0 है, इनका इस्तेमाल अभी छोटे कूलिंग उपकरणों में होता है। इन्हें बेडरूम, रसोई, बैठक या दफ्तरों में अतिरिक्त कूलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऊर्जा की बचत करने वाली विशेषताएं किसी बड़े उपकरण को खरीदने के लिए निवेश की आवश्यकता होती है, लेकिन इससे भी ऊपर इसके इस्तेमाल में होने वाली लागत का ध्यान रखना जरूरी है, यह निरंतर होने वाला खर्च है जिसे उपभोक्ता को जब तक उपकरण है तब तक वहन करना पड़ता है। भारत सरकार ने अपने ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के तहत ऊर्जा रेटिंग प्रणाली निर्धारित की है जो एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों को उनकी बिजली की खपत के आधार पर 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग प्रदान करती है। जिसकी जितनी ऊंची रेटिंग उतनी ही कम ऊर्जा खपत। इसलिए, उपभोक्ताओं को उपकरणों की स्टार रेटिंग पर गौर करना चाहिए और इससे भी आगे, अधिक बेहतर विकल्प चुनने के लिए उपकरणों की ऊर्जा दक्षता रेटिंग पर भी अध्ययन करना चाहिए। एयर कंडीशनर में अधिकतम ऊर्जा खपत होती है और इनका एनर्जी लेबल ISEER (इंडियन सीजनल एनर्जी एफिशिएंसी रेश्यो) की पूरी जानकारी देता है। ISEER अनुमानित बिजली खपत के साथ-साथ एसी की ऊर्जा दक्षता को यूनिट में मापने का एक अनुपात है। पानी एक और महत्वपूर्ण संसाधन है, हालांकि यह बड़ी मात्रा में उपलब्ध है लेकिन फिर भी हमें इसकी बर्बादी को लेकर गंभीर होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए की आने वाली पीढ़ी के लिए इसकी पर्याप्त उपलब्धता रहे।  वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसे कई घरेलू व रसोई के उपकरण पूरी तरह पानी पर निर्भर हैं। उपभोक्ताओं को इनका इस्तेमाल करते वक्त इको फ्रेंडली मोड का चयन करना चाहिए, उदाहरण के तौर पर इको मोड स्वचालित रूप से पानी, ऊर्जा और समय को समायोजित करता है और सुनिश्चित करता है कि बिजली खपत कम से कम हो। ग्रीन सोचें और स्मार्ट काम करें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर सावधानीपूर्वक विचार करने और उपकरण खरीदते समय अधिक पर्यावरण हितैषी विकल्प बनाने के अलावा, उपभोक्ताओं को पर्यावरण पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपने उपकरणों का अधिक सचेत रूप से उपयोग करना चाहिए। इसके लिए सामान्य बातें जो ध्यान रखनी हैं वे हैं, इस्तेमाल के तुरंत बाद बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को तुरंत बंद करें, उन्हें स्टैंड बाय मोड पर रखने के बजाय सीधे स्विच बंद करें, गैरजरूरी इस्तेमाल से बचें, नियमित रखरखाव करें। एसी को लगातार कम तापमान पर चलाने के बजाय 24 डिग्री पर इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि कम तापमान पर बिजली अधिक खर्च होती है। रात में स्लीप मोड का इस्तेमाल करें। एसी चालू हो तो दरवाजों और खिड़कियों को बंद रखें, दिन में एसी चलाएं तो पर्दे डालकर रखें और समय समय पर एसी का फिल्टर साफ करते रहें। एसी का टिकाऊ इस्तेमाल करने के लिए उपभोक्ता इन तरीकों को अपना सकते हैं। कंपनियों और उपभोक्ताओं को टिकाऊ, पुनर्चक्रण योग्य और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद पैकेजिंग पर भी ध्यान देना चाहिए और ई-कचरे के लिए उचित रीसाइक्लिंग विकल्पों का उपयोग करना चाहिए। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए आज हरित विकल्पों को अपनाने और जिस तरह के जलवायु संकट का दुनिया सामना कर रही है उसे दूर करने के लिए एक ईमानदार प्रयास करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा अगर हमें कोई और कारण भी चाहिए तो, ये कदम किसी उत्पाद के इस्तेमाल में आने वाली लागत को कम करते हैं और उपभोक्ताओं को पैसे बचाने में मदद करते हैं। इसलिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प स्पष्ट रूप से सभी के लिए एक जीत की स्थिति है यह लेख  गोदरेज एंड बॉयस में गोदरेज एप्लाइंस के बिजनेस हेड और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी ने तैयार किया है। ends GNI SG


Santosh Shukla becomes New CEO of British Organization – World Book of Records At the helm of Mr. Shukla, the organization has made its reach in 25 countries in the world with a strong global network

Santosh Shukla becomes New CEO of British Organization – World Book of Records Mumbai, 4th June 2022 (GNI): One of the promising and dedicated personalities of the business scenario, Mr. Santosh Shukla (Advocate, Supreme Court…



MANIFESTATION – An Art Exhibition will be displayed by contemporary artist Sumana Dey @ Jehangir Art Gallery, Mumbai

Artist Sumana Dey Mumbai, 04th June 2022 (GNI): MANIFESTATION – An Art Exhibition will be displayed by contemporary artist Sumana Dey at Jehangir Art Gallery, 161-B, M.G. Road, Kala Ghoda, Mumbai 400001, from: 7th to 13th June 2022,…



Shabana Azmi, Ajay Mago, Shantanu Ray Chaudhuri, Maithili Rao, Rinki Roy Bhattacharya launch Om Books International’s The Oldest Love Story at Title Waves, Bandra

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Monkeypox – adding to the woes, Indians born after 1979 (the year in which smallpox vaccine was discontinued) are not protected against monkeypox., Chickenpox infection doesn’t provide protection against monkeypox

Mumbai, 03rd June 2022 (GNI): As people are slowly coming out of the Covid-19 scare, the news about monkeypox, a milder cousin of smallpox, is causing growing unease amongst people. First described in 1958, fewer…