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भारत के ज्वेलर्स को अनिवार्य हालमार्किंग पर भारी राहत

Mr. Ashish Pethe, Chairman GJC

National, 10th May 2021 (GNI):  मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने 7 मई 2021 को एक अंतरिम आदेश पारित कर बीआईएस को ऐसे ज्वेलर्स पर कोई बलपूर्वक की कार्यवाई करने से रोक दिया है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण बीआईएस के नियमनों का पालन नहीं कर सकते. ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल( जीजेसी) द्वारा दायर की गई याचिका पर यह निर्णय दिया गया.

 कोर्ट का फैसला इस प्रकार है :

1.वीडियो कांफ्रेंसिंग के मार्फत सुनवाई हुई और विद्वान काउंसल सहमत हुए कि ऑडियो और वीडियो की क्वालिटी ठीक थी.

2. याचिकाकर्ताओं के विद्वान वरिष्ठ एडवोकेट श्री रोहन शाह की सुनवाई हुई.

3. तर्क यह है कि नया नियमन यह अनिवार्य बनाता है कि 1 जून, 2021 से गोल्ड ज्वेलरी को स्टोर करने या बेचने से पहले हॉलमार्क करना जरूरी है जिससे भारत में लाखों ज्वेलर्स, जिनकी संख्या 5 लाख बताई जाती है. इसमें आगे कहा गया है कि भारत में ज्वेलर्स की इतनी बड़ी संख्या की तुलना में पृष्ठ 211 पर दिए गए चार्ट के अनुसार भारत में उपलब्ध हॉलमार्किंग सेंटरों का  प्रतिशत लगभग 34% है और लगभग 488 जिलें ऐसे हैं, जहां पर कोई भी हॉल मार्किंग सेंटर नहीं है. इसमें आगे स्वीकार किया गया है कि लगभग 6 हजार करोड़  ज्वेलरी पीस है, जिने हालमार्क करने की जरूरत है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड एक्ट,2016(बीआईएस एक्ट) की धारा 14 और 15 के तहत उक्त कानून का किसी तरह का उल्लंघन करने पर बीआईएस कानून, 2016 की धारा 29 के तहत 1 वर्ष के अधिकतम कारावास के साथ अपराध की प्रकृति के अनुसार दंड का प्रावधान है. इसमें यह भी स्वीकार किया गया है कि उपलब्ध समय के अंदर सभी ज्वेलर्स और इस समय उपलब्ध हर ज्वेलरी पीस के लिए लागू होने वाले इस कानून के प्रावधानों से पहले हॉलमार्क करना संभव नहीं होगा.

4. आगे मान्य किया गया है कि वर्तमान कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण अन्य समस्याएं भी पैदा हुई है. कोविद के कारण एक व्यक्ति के 1 जिले से दूसरे जिले में जाने पर प्रतिबंध है और बहुत से ऐसे जिले हैं यहां पर कोई भी हालमार्किंग सेंटर नहीं है.

5. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए प्रतिवादी को नोटिस जारी किया जाए, जो 14 जून 2021 तक वापसी योग्य है.

6. विद्वान एडवोकेट श्रीमती मुग्धा चांदूरकर के साथ विद्वान एएसजीआई, श्री उल्हास औरंगाबादकर ने प्रतिवादी संख्या 1 से 4 को नोटिस जारी नहीं किया.

7. इसी बीच हम निर्देश देते हैं कि बीआईएफ कानून, 2016 की धारा 29(2) के तहत ज्वेलर्स के खिलाफ कोई बलपूर्वक की कार्रवाई नहीं की जाएगी.

8. 14 जून,2021 तक नजर रखी जाएगी.

 काउंसल,श्री रोहन शाह ने जीजेसी के लिए अपील की.

 जीजेसी के चेयरमैन, श्री आशीष पेठे ने कहा, ” न्यायालय को इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और ज्वेलर्स द्वारा सामना की जा रही परेशानी के मुद्दे की गंभीरता समझ में आ गई, न्यायालय ने निर्णय दिया कि बीआईएस कानून,2016 की धारा 29 (2) के तहत ज्वेलर्स के खिलाफ कोई बलपूर्वक की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. सरकार किसी चूक के लिए ज्वेलर्स को कारवास में नहीं डाल सकती या कोई दंड नहीं लगा सकती. हां, 14 जून,2021 को अगली सुनवाई पर मामले पर फिर से सुनवाई होने तक यह आर्डर अंतरिम आर्डर है, लेकिन हमारा मानना है कि बीआईएस द्वारा ऑर्डर की गंभीरता पर ध्यान दिया जाएगा और समाधान किया जाएगा जिस पर न्यायालय ने विचार किया है और ऐसे उद्योग के साथ चीजों के निश्चित किए जाने तक अनिवार्य हॉलमार्किंग को स्थगित रखा जाएगा, जो हाल मार्किंग को उचित ढंग से लागू करने के लिए समान रूप से इच्छुक है. “

 जीजेसी के डायरेक्टर और दायर लिखित याचिका में जीजेसी का प्रतिनिधित्व करने वाले, श्री दिनेश जैन ने कहा, ” याचिका को मेरिट के आधार पर स्वीकार किया गया है और बीआईएस और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी की गई है. बीआईएस ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, उसे अच्छी तरह से जानता हैऔर हम सुनिश्चित है कि बीआईएस द्वारा उचित ढंग से अपना होमवर्क किए बगैर अनिवार्य हालमार्किंग को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. जीजेसी द्वारा हालमार्किंग को पूरी तरह से सपोर्ट किया जा रहा है और लिखित याचिका में अनुरोध किया गया है कि  माननीय न्यायालय द्वारा ‘उच्च स्तरीय समिति’ का गठन किया जाए ताकि उपभोक्ताओं, ज्वेलर्स और बीआईएस के मुख्य उद्देश्य के फायदे के लिए सभी मुद्दों का समाधान किया जा सके”, stated in the press release.

जीआईसी के बारे में: ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल( जीजेसी) 600000 से अधिक खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें मैन्युफैक्चरर्स, होल्सेलर, रिटेलर, वितरक, लेबोरेटरी, जेमोलॉजिस्ट, डिजाइनर और जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग की संबंधित सेवाओं का समावेश है. काउंसिल उद्योग, उसके कार्यों और उसके ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए 360 डिग्री एप्रोच के साथ उसका निराकरण करने के उद्देश्य से कार्य करती है तथा

उद्योग के हितों की सुरक्षा भी करती है. जीआईसी पिछले 15 वर्षों से उद्योग के लिए और उद्योग की ओर से विभिन्न कार्य करते हुए सरकार और उद्योग के बीच ब्रीज के रूप में कार्य कर रही है. अधिक जानकारी के लिए कृपया जीजेसी से संपर्क करें: मितेश धोर्दा, एजीएम- मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशन,ईमेल:agm_marcom@gjc.org.in

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